बड़ा होता बुद्धू बक्सा
३० सितम्बर २००९टेलीविज़न के जिस पर्दे पर हम अब तक अपनी पसंद के कार्यक्रम देखते रहे हैं, उसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात आम तौर पर 4:3 होती है. तेज़ी से भागता दौड़ता वीडियो दरअसल कई लाइनों और कई हज़ार बिंदुओं से तैयार होता है. एक तस्वीर में ही हज़ारों पिक्सल यानी चित्रबंदुओं का बनती है.
तकनीकी प्रगति के साथ पुराने टेलीविज़न अब पुराने पड़ते जा रहा है और उसकी जगह लेने जा रहा है एक नया नाम, हाई डेफ़िनिशन टीवी. इसे HDTV भी कहा जाता है. दरअसल इस तकनीक पर काम तो अस्सी के दशक से ही होता रहा है लेकिन अब प्रयोगशालाओं से निकलकर ये बड़े पैमाने पर बाज़ार में आ ही गए हैं.
आख़िर क्या है HDTV, इस तकनीक के के मास्टर मिशाएल श्टाइन कहते हैं, "हाई डेफ़िनिशन में कम से कम 720 लाइनें होती हैं और 7.77.600 पिक्सल या इससे भी अधिक 20 लाख पिक्सल, यानी चित्रबिंदु होते हैं. अधिक बिंदुओं का मतलब है और अधिक साफ और बारीक़ तस्वीर. HD टेलीविज़न 16:9 वाले चौड़ी स्क्रीन पर्दे के वाला है."
क्या करें ग्राहक
बर्लिन में इस बार के इलेक्ट्रॉनिक मेले के साथ जर्मनी ने भी हाई डेफिनिशन टेलीविज़न के युग में प्रवेश कर लिया है. लेकिन, साथ ही यहां टेलीविज़न प्रसारण की दुनिया में अराजकता भी पैर पसारने लगी है. इससे उपभोक्ता असमंजस में हैं. कंपनियों को चिंता सता रही है कि HDTV की छवि पर इसका ख़राब असर पड़ सकता है.मिशाएल श्टाइन कहते हैं, "टेलीविज़न निर्माता एक बार फिर अराजकता फैलाने में सफल रहे हैं. HD टीवी की नई तकनीक है. टेलीविज़न सेट भी कई प्रकार के हैं. एक तो सिर्फ आधुनिक तकनीक की ब्लू रे डिस्क वाली फ़िल्मों के लिए ही है".
टीवी के डब्बे का लेबल देखें
इस समय हाई डेफ़िनिशन लायक जो टेलीविज़न सेट बाज़ार में बिक रहे हैं, उन पर HD-Ready, Full HD या HDTV लिखा होता है. यह सब आम आदमी की समझ से पहे हैं. इसे समझाते हुए मिशाएल श्टाइन बताते हैं, ''जिसे अच्छी क्वालिटी चाहिये, उसे देखना होगा कि टीवी सेट पर क्या लिखा है. वैसे तो हर सेट अन्य सिग्नल भी दिखा सकता है, लेकिन क्वालिटी वही नहीं रहेगी. HD-Ready का मतलब है कि यह टीवी सेट HD के लिए तैयार है, लेकिन HD प्रसारण पकड़ने के लिए उसे अलग से सेट टॉप बॉक्स या रिसीवर चाहिये. यदि सेट पर HDTV लिखा है, तो मतलब है कि रिसीवर भी उस में पहले से बना हुआ है. लेकिन, तब भी ध्यान देना होगा कि वह कितनी लाइनों वाले रिज़ोल्यूशन के लिए बना है."
HD-Ready लेबल वाले टीवी सेट में अपना रिसीवर नहीं होगा और हो सकता है वह केवल 720 लाइनों वाले फ़ॉर्मैट के लिए हो. Full HD लेबल वाला सेट 1080 लाइनों वाले फ़ॉर्मैट के लिए होगा. उसका हर चित्र 1080 गुणा 1920 पिक्सल, यानी क़रीब 20 लाख पिक्सल का होगा. लेकिन हो सकता है कि उसे भी अलग से रिसीवर चाहिये. पर जिसमें HDTV लिखा हो, उस में अपना रिसीवर भी होगा और वह Full HD की तरह अधिकतम पिक्सल वाला भी होगा.
डिकोडर चाहिए
पिक्सल और लाइनों का यह पचड़ा यहीं ख़त्म नहीं होता. जर्मनी में लाइसेंस फ़ीस से चलने वाले सार्वजनिक प्रसारक अपने प्रसारण 720 लाइनों के 720p कहलाने वाले नॉर्म में करेंगे. इससे अलग अलग विज्ञापनों के सहारे कमाई करने वाले निजी चैनल 1080 लाइनों वाले अंतरराष्ट्रीय 1080i नॉर्म को अपनाने जा रहे हैं. टेलीविज़न दर्शकों की जेब हल्की करने के लिए निजी चैनल अपने कार्यक्रमों को कोडबद्ध करेंगे, जैसा कि पत्रकार अंद्रेयास राइनहार्ड बताते हैं, "कोडबद्ध करने के लिए वे सेट टॉप बॉक्स में कॉमन इन्टरफ़ेस CI Plus का उपयोग करेंगे. यानी आपको ऐसा रिसीवर चाहिये, जो इस कोड को खोल सके. इसके लिए एक ग्राहक-कार्ड की ज़रूरत पड़ेगी, जिसे किराये पर लेना होगा. ग्राहक-कार्ड से यह भी नियंत्रित किया जा सकता है, आप क्या चीज़ें रेकॉर्ड कर सकते हैं, कितने दिन या कितनी बार देखने के लिए रेकॉर्ड कर सकते हैं और कब रेकॉर्डिंग अपने आप मिट जायेगी."कंप्यूटर से ही टीवी भी देखें
मिशाएल श्टाइन एक और नई तकनीक की याद दिलाते हैं. वो कहते है, "HDMI अब एक नया कनेक्शन नॉर्म है, जो हाई डेफ़िनिशन क्षमता वाले टीवी सेट या मॉनिटर को किसी HD रिसीवर या सेट टॉप बॉक्स से जोड़ने के लिए बना है. भविष्य में HD रिसीवर या सेट टॉप बॉक्स होना क़ाफी है, उसे कंप्यूटर के मॉनिटर से जोड़ कर उस पर टेलीविज़न कार्यक्रम देखे जा सकते हैं."
लिहाज़ा भविष्य में कंप्यूटर, मॉनिटर, रिसीवर इत्यादि ख़रीदते समय इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उन्हें एक-दूसरे से जोड़ने के लिए HDMI केबल के लायक सॉकेट भी बना है या नहीं.
भारत में तो अभी हाई डेफ़िनिशन टेलीविज़न प्रसारण नहीं होता. लेकिन, HD लेबल वाले टेलीविज़न सेट बिकने लगे हैं, जिन्हें ख़रीदने का कोई लाभ नहीं है. देखना होगा कि भारत के टेलीविज़न चैनल कब और किस नॉर्म को अपनाते हैं.
रिपोर्ट: राम यादव
संपादन: महेश झा